राजस्थान की प्रमुख झीलें | Lakes of Rajasthan

 

 राजस्थान की प्रमुख झीलें कौन सी है आज हम लोग इसकी बात करेगें

Let's Learn about the Lake of Rajasthan 

   

राजस्थान राज्य में दो प्रकार की झीलें पायी जाती है-

 

1- खारे पानी की झीलें

2- मीठे पानी की झीलें

 

 

   खारे पानी की झील

 

टेथिस सागर के अवशेष आज भी सांभर डीडवाना पंचपदरा आदि खारे पानी की झीलों के रूप में विद्यमान है।

 

राजस्थान राज्य में खारे पानी की झीले मुख्यतः उत्तरी.पश्चिमी मरुस्थलीय भाग में पाई जाती है।

 

यहां सर्वाधिक खारे पानी की झीले नागौर जिले में स्थित है।

 

 

      सांभर झील (जयपुर

 

जयपुर जिलेे  नागौर जिला तथा अजमेर जिला तीन जिलों में सांभर झील का फैलाव है।

 

इस झील में खारी मंथा रूपनगढ़ खंडेला मेढा सामोद नदियां आकर गिरती है।

 

इस झील की एक खासियत यह है कि इस झील में नमक में सोडियम क्लोराइड घर मेे खाया जाने वाला नमक की मात्रा अधिक है इसीलिए यहां पर  सोडियम सल्फेट संयंत्र की स्थापना हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड की सहायक कंपनी सांभर साल्ट द्वारा की गई है।

 

सांभर झील को पर्यटन के क्षेत्र में ष्रामसर साइटष् के रूप में जाना जाता है।

 

स्वेडाफ्रूटी सालवेडोरा स्पीसीज नामक वनस्पति सांभर के जल में से खारे पानी की मात्रा को कम करने में सहायक है।

 

 

      डीडवाना झील नागौर

 

यह राजस्थान के नागौर जिले में डीडवाना नगर के निकट 4 किमी- लम्बी 3.6 किमी- चौड़ी झील है।

 

इस झील का नमक खाने योग्य नहीं है।

 

यहां सन् 1960 में राजस्थान राज्य स्टेट केमिकल वर्क्स नाम से दो उद्योग स्थापित किए गए जा चुके हैं जो कि सोडियम सल्फाइड और  सोडियम सल्फेट का उत्पादन करते है। इस सोडियम का इस्तेमाल कागज बनाने में किया जाता है।

 

 

       पंचपदरा झील बाड़मेर

 

यह झील राजस्थान के बाड़मेर जिले में पंचपदरा नगर के पास स्थित है।

 

पंचा नामक भील द्वारा दलदल को सुखाकर इस झील का निर्माण किया गया था।

 

यहां पर एक विशेष प्रकार की जनजाति निवास करती है जिसका नाम है खारापन जाति इस जाति के लोगों द्वारा मोरली झाड़ी की टहनियों का उपयोग कर नमक के स्फटिक बनाए जाते हैं।

 

यह नमक उत्तम किस्म का होता है जिसमें 98 सोडियम क्लोराइड की मात्रा पाई जाती है।

 

 

        रेवासा झील सीकर)

 

यह जिले राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है।

 

इस झील को प्राचीन काल में नमक उत्पादन में संपूर्ण एशिया में जाना जाता था।

 

राजस्थान का इतिहास लिखने वाले लेखक कर्नल टॉड ने अपनी पुस्तक ष्एंटीक्यूटीज आॅफ राजस्थानष् में रेवासा झील का उल्लेख किया है।

 

 

     अन्य खारे पानी की झीले

 

1- लूणकरणसर झील - बीकानेर

2- फलौदी झील - जोधपुर

3- कावोद झील - जैसलमेर

4- तालछापर झील - चूरू

5- डेगाना झील - नागौर

6- पोकरण झील - जैसलमेर

7- बाप झील - सीकर

8- नावां झील - नागौर

9- पिथनपुरी झील - सीकर

 

      राजस्थान की प्रमुख झीलें

    

  राजस्थान की प्रमुख मीठे पानी की झीलें -

 

 जयसमंद (ढेबर) झील उदयपुर

 

मेवाड़ के गहलोत वंश के शासक राजा जयसिंह ने सन 1685 से 1691 ईस्वी में उदयपुर शहर से लगभग 51 किमी दक्षिण पूर्व गोमती नदी पर बांध बनवाकर जयसमंद झील का निर्माण किया।

 

यह राजस्थान की सबसे बड़ी कृत्रिम मीठे पानी की झील है।

 

यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविंद सागरए भाखड़ा है।

 

ष्बाबा का भांगड़ा इस झील का सबसे बड़ा टापू है और प्यारी सबसे छोटा टापू है।

 

इस झील के एक टापू पर आइसलैंड नाम का एक रिसोर्ट या  होटल बनाया गया है।

 

राजस्थान राज्य के जयसमंद जिले में इस झील के समीप एक पहाड़ी पर चित्रित हवामहल स्थित है।

 

इस झील के पास ही रूठी रानी का महल है।

 

 

         राजसमंद झील

 

इस झील का निर्माण सन 1962 में महाराजा राज सिंह द्वारा गोमती नदी पर करवाया गया जो 1676 - में पूर्ण हुआ।

 

यह राज्य की एकमात्र ऐसी झील है जिस पर किसी जिले का नामकरण हुआ है।

 

इस झील का उत्तरी भाग ष्नौ चौकी की पालष् के नाम से प्रसिद्ध है। जहां संगमरमर के 25 शिलालेखों पर 1917 संस्कृत के श्लोकों में रणछोड़ भट्ट द्वारा मेवाड़ का इतिहास इंगित है।

 

यह विश्व की सबसे बड़ी राजप्रशस्ति है जिस पर मेवाड़ के शासकों का वर्णन है।

 

इस झील के किनारे घेवर माता का मंदिर स्थित है।

 

 

          पिछोला झील ;उदयपुरद्ध

 

इस झील का निर्माण राणा लाखा के शासनकाल में चौदहवीं शताब्दी के अंत में पिछोला गांव में एक बंजारे ने करवाया।

 

इस झील का जीर्णोद्धार राणा उदय सिंह ने करवाया।

 

सिटी पैलेस का निर्माण राणा उदय सिंह ने पिछोला झील के किनारे करवाया।

 

शाहजहां ने जहांगीर के खिलाफ विद्रोह के दौरान यहां स्थित महलों में शरण ली थी।

 

ब्रिटिश इतिहासकार फम्र्यूसन ने पिछोला झील की तुलना लंदन के विशाल विंडसर महल से की है।

 

 

 

 

  फतहसागर झील (उदयपुर)

 

इस झील का निर्माण महाराजा जयसिंह ने सन 1978 में करवाया।

 

अतिवृष्टि के कारण तहस नहस हो जाने पर इसका पुनर्निर्माण महाराजा फतह सिंह द्वारा करवाए जाने के कारण यह फतहसागर झील कहलाई।

 

फतहसागर झील पर स्थित बांध की आधारशिला ष्ड्यूक ऑफ कनाट ने रखी जिसके कारण यह बांध कनाट बांध कहलाया।

 

फतहसागर झील के मध्य में स्थित एक टापू पर नेहरू आईलैंड स्थित है।

 

सन 1975 में सोर वेधशाला की स्थापना इस झील में स्थित एक टापू पर की गई।

 

फतहसागर झील के नीचे सहेलियों की बाड़ी बाग स्थित है।

 

इस झील के किनारे स्थित मोती मगरी पहाड़ी को महाराणा प्रताप स्मारक के रूप में विकसित किया गया है।

 

 

    आनासागर झील (अजमेर)

 

अर्णोराज ;अन्ना जीद्ध ने सन् 1137 ईस्वी में इस झील का निर्माण करवाया।

 

इस झील के किनारे मुगल बादशाह जहांगीर द्वारा निर्मित दौलत बाग को वर्तमान में सुभाष उद्यान कहते हैं।

 

इस झील पर शाहजहां ने बारहदरी (बारह दरवाजे) में से संगमरमर से पांच दर का निर्माण किया।

 

 

   फायसागर झील (अजमेर)

 

इंजीनियर फाय के निर्देशन में बांडी नदी पर बांध बनाकर अकाल राहत कार्यों के तहत सन 1891ण्92 के दौरान करवाया गया।

 

इस झील में जल स्तर अधिक होने पर इसका जल आनासागर में भेज दिया जाता है।

 

 

      पुष्कर झील (अजमेर)

 

अजमेर से 13 किलोमीटर दूर स्थित पुष्कर में यह झील तीन ओर से पहाड़ियों से घिरी हुई है।

 

इस झील के किनारे ष्ब्रह्मा जीष् का मंदिर स्थित है।

 

गोकुल चंद पारीक ने सन 1752 ईसवी में ब्रह्मा जी मंदिर को वर्तमान स्वरूप प्रदान किया।

 

राजा मान सिंह द्वारा पुष्कर झील के किनारे मानमहल का निर्माण करवाया गया।

 

पुष्कर झील के किनारे स्थित 52 घाटों में से सबसे बड़ा घाट गांधी घाट हैए जिसे  या महिलाष् घाट भी कहा जाता है। इसका निर्माण मैडम मेरी द्वारा करवाया गया।

 

इंग्लैंड की महारानी मैडम मेरी 1911 में पुष्कर झील देखने आई थी।

 

प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा

Previous
Next Post »

1 टिप्पणियाँ:

Click here for टिप्पणियाँ
बेनामी
admin
16 जुलाई 2023 को 9:11 am बजे ×

Nice

Congrats bro बेनामी you got PERTAMAX...! hehehehe...
Reply
avatar

किसी भी प्रकार की सहायता के लिए नीचे कमेंट कर सकते हैं